Roka ceremony vs engagement: शादी से पहले जान लीजिए ये 5 बड़े अन्तर

शादी की बात छेड़ते ही roka ceremony vs engagement को लेकर अक्सर लोगों को कंफ्यूजन हो ही जाता है। हमने अब तक इंगेजमेंट के बारे में खूब सुना है लेकिन अब ये नया रोका सेरेमनी क्या है? जिसके चर्चे बॉलीवुड से लेकर हाई कोर्ट तक हो रहे हैं।

Roka ceremony vs engagement को हम अच्छे से समझ पाएँ इसके लिए हमें सबसे पहले Roka ceremony को जानना होगा।

Roka ceremony vs engagement
Roka ceremony vs engagement (image source: Instagram)

रोका सेरेमनी क्या है? (Roka ceremony in Hindi)

Roka ceremony अर्थात रोका समारोह। ‘रोका‘ शब्द हिन्दी के ‘रोकना‘ शब्द से बना है जो कि क्रिया का भूतकालिक रूप है। शादी के सन्दर्भ में रोका शब्द का प्रयोग रिश्ता पक्का करने के लिए होता है अर्थात दोनों परिवारों ने लड़के और लड़की को रोक लिया है। अब वह किसी दूसरे रिश्ते की तलाश में इधर-उधर भटकेंगे नहीं। शादी की बात पक्की करने के इसी समारोह अथवा कार्यक्रम को रोका समारोह कहते हैं।

Roka ceremony की शुरुआत कहाँ से हुई?

रोका सेरेमनी या यूँ कह लीजिए ये नाम मुख्य रूप से पंजाबी संस्कृति की देन है। ये समारोह ठीक वैसा ही कार्यक्रम है जैसा उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों में देखने को मिलता है। बस इसमें मुख्य रूप से नाम का अन्तर है। उत्तर प्रदेश और बिहार में इसे छेका, छेकइया, पूजइया आदि नामों से जानते हैं।

रोका सेरेमनी में क्या होता है? (Roka ceremony steps)

Roka ceremony में होने के लिए तो बहुत कुछ हो सकता है लेकिन यह खासतौर से इस बात पर निर्भर करता है कि आप इसे किस स्तर पर करना चाहते हैं। परम्परा के अनुसार रोका सेरेमनी का आयोजन छोटे स्तर पर एवं घर पर ही होता है। जिसमें मुख्य रूप से हमारे करीबी रिश्तेदार शामिल होते हैं, जैसे – फूफा, मामा आदि।

ये समारोह मुख्य रूप से लड़की के घर पर आयोजित किया जाता है। इसमें भी लगभग वही सारी विधियाँ होती हैं जो हिन्दू परिवारों में होता है अर्थात लड़की के छेकइया में जो होता है। चूँकि ये पंजाबी संस्कृति की देन है तो इसमें हिन्दू रीति – रिवाजों से थोड़ा अलग कार्यक्रम होता है।

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इस कार्यक्रम में लड़के और लड़की को एक साथ सोफे अथवा कुर्सी पर बिठा दिया जाता है। सबसे पहले लड़की की माँ लड़के का रोली और अक्षत से तिलक करती है और उसे कुछ रूपये देकर रोक लेती है। फिर इसके बाद लड़के की माँ लड़की को चुन्नी चढ़ाती है यानी कि एक सुन्दर सा लाल दुपट्टा उसके सिर पर ओढ़ाती है और कुछ उपहार देकर लड़की को रोक लेती है।

ज्यादातर लड़की के आँचल में सगुन के तौर पर नारियल और मिठाई रखा जाता है और फिर कोई गहना पहनाकर या कुछ रूपये देकर लड़की को रोका जाता है। इसके बाद लड़के वाले अपने साथ लाये अन्य उपहार जैसे फल, मेवे, कपड़े आदि लड़की को भेंट स्वरूप देते हैं। फिर इसी तरह लड़की के परिवार वाले भी लड़के को उपहार, मिठाइयाँ, कपड़े आदि देते हैं। ये सभी कार्यक्रम हो जाने के बाद पण्डित जी से लगन की तारीख निकलवाते हैं और कार्यक्रम आगे बढ़ाते हैं।

सगाई क्या है? (What is Engagement in Hindi)

Roka ceremony vs engagement के पहले पार्ट यानी कि Roka ceremony के बारे में हम जान चुके हैं। अब बारी है engagement की यानी कि सगाई की।

Engagement को सगाई, मंगनी, ring ceremony आदि नामों से जानते हैं। जिस प्रकार, शादी से पहले रोका समारोह होता है ठीक उसी प्रकार ये भी रिश्ते की बात को पक्का करने का औपचारिक तरीका होता है। ये ज्यादातर बड़े स्तर पर किया जाता है। इसमें रिश्तेदारों के साथ-साथ खास मित्र भी शामिल होते हैं। इसमें लड़का और लड़की स्टेज पर एक-दूसरे को अँगूठी पहनाते है और सभी रिश्तेदार और मित्रगण, लड़के और लड़की को उपहार देते हैं।

कुछ लोग रोका समारोह और सगाई दोनों कार्यक्रम करना पसन्द करते हैं। हालाँकि ये पूर्णतया परिवारों के ऊपर निर्भर करता है कि वो किस प्रकार रिश्ते की बात पक्की करना चाहते हैं।

Roka ceremony vs engagement
Roka ceremony vs engagement (image source: Instagram)

Roka ceremony vs engagement के बीच मुख्य अन्तर

  • Roka ceremony भारतीय संस्कृति की देन है जबकि Engagement पश्चिमी सभ्यता की देन है।
  • रोका सेरेमनी ज्यादातर छोटे स्तर पर परिवारों के बीच ही होता है जबकि सगाई धूम-धाम से सार्वजनिक स्तर पर होता है।
  • दोनों समारोह रिश्ता पक्का करने के लिए ही किये जाते हैं।
  • रोका समारोह में किसी गहने की खास आवश्यकता नहीं होती केवल पैसों से भी हो सकता है लेकिन सगाई में अँगूठी का होना आवश्यक होता है।

Roka Ceremony vs Engagement – क्या दोनों जरूरी हैं?

वैसे देखा जाये तो ये दोनों रस्में हो ऐसा जरूरी तो नहीं पर यह पूरी तरह से दोनों परिवारों की सहमति, परम्परा, धर्म और रीति-रिवाज़ों पर निर्भर करता है। यदि आप पारम्परिक सोच रखते हैं और शादी की तैयारी को लम्बा खिंचना चाहते हैं तो दोनों रस्में अलग-अलग हो सकती हैं। वैसे कुछ जगहों पर सगाई को ही मुख्य रस्म माना जाने लगा है और रोका को “Pre-engagement” के रूप में देखा जाता है। यदि आप चाहें तो दोनों रस्मों को एक ही फंक्शन में भी कर सकते हैं।

Roka Ceremony vs Engagement का फर्क समझना जरूरी है, खासकर तब जब आप या आपके परिवार में किसी की शादी होने वाली हो। जहाँ रोका रिश्ते की शुरुआत होती है, वहीं सगाई समाज में उस रिश्ते की घोषणा होती है। अगर आप परम्पराओं को महत्व देते हैं, तो दोनों रस्में अपने-अपने स्थान पर अनमोल हैं।

क्या आपके परिवार में ये रस्में अलग-अलग होती हैं या एक साथ मनाई जाती हैं? नीचे कमेंट में जरूर बताएँ।

FAQs

❓ Q1. क्या रोका के बाद रिश्ता टूट सकता है?

✅ हाँ, क्योंकि यह कानूनी बाध्यता नहीं है, सिर्फ पारिवारिक सहमति है। हालाँकि, सामाजिक दृष्टिकोण से इसे गम्भीर माना जाता है।

❓ Q2. क्या रोका के बिना सगाई की जा सकती है?

✅ बिल्कुल। कई परिवार सीधे सगाई करते हैं और रोका नहीं करते।

❓ Q3. क्या रोका और सगाई एक ही दिन हो सकते हैं?

✅ हाँ, आजकल कई लोग समय और खर्च बचाने के लिए दोनों रस्में एक साथ करते हैं।

❓ Q4. क्या सगाई के लिए कोर्ट या रजिस्ट्रेशन की जरूरत होती है?

✅ नहीं, सगाई पूरी तरह एक पारम्परिक और सामाजिक रस्म है, कानूनी नहीं।

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