बवाल

बवाल

“आज जो न बवाल हुआ ऑफिस में कि मैं अब क्या ही बताऊँ?”“अरे बताओ तो सही हुआ क्या?” तन्मय ने उत्सुकता से पूछा।हुआ कुछ यूँ रेशमा जी, मदन की टाँग खींच रही थीं, पूछ रही थीं- “बताओ मदन तुम्हें कैसी लड़की चाहिए? अच्छा पहले यह बताओ शादी करना भी चाहते हो कि नहीं?”“हाँ हाँ क्यों … Read more

आज का अनुभव

आज का अनुभव

आज का अनुभव एक अनोखी कहानी है, जहाँ लोगों के व्यवहार को समझना अपने आप में एक चुनौती है। नैना, जो अपनी टीम में असंतोष और तनाव से जूझ रही है, एक दिन की फटकार के बाद टूट जाती है। लेकिन क्या एक पार्टी की वजह से सब कुछ बदल सकता है? ममता दीदी की अचानक बदलती स्नेहभावना और नैना की मुस्कान के पीछे की कहानी आपको सोचने पर मजबूर कर देगी। क्या नैना अपने गुस्से को सँभाल पाएगी? जानिए इस दिलचस्प अनुभव में, जहाँ भावनाएँ और रिश्ते एक नई परिभाषा पाते हैं।

दीपावली: एक व्यंग्यात्मक दृष्टिकोण

दीपावली

दीपावली: एक व्यंग्यात्मक दृष्टिकोण, में हम दीपावली की तैयारियों की मजेदार तस्वीर पेश करते हैं। घर की सफाई से लेकर पुताई तक, हर कदम पर हंसी और थकान का एक अनोखा संगम होता है। क्या आपने कभी सोचा है कि धूल के कणों की क्या सोच होती होगी जब उन्हें दण्डित किया जाता है? और क्या लक्ष्मी जी की पूजा के लिए घर की महिलाओं की मेहनत का कोई मोल नहीं? इस त्योहार की असली भावना को समझने के लिए पढ़ें, क्योंकि दीपावली केवल रोशनी और पटाखों का नहीं, बल्कि प्रेम और एकता का प्रतीक है!

संयोग

संयोग

बाबा गोरखनाथ की पावन धरती पर जन्में उमेश जी की विवाह की कहानी एक अद्भुत संयोग से भरी हुई है। उम्र तीस के करीब, उमेश जी को कोई कन्या पसंद नहीं आ रही थी, लेकिन अचानक उनके जीवन में शिवांगी का आगमन होता है। क्या यह संयोग है या भाग्य का खेल? उमेश जी का जन्मदिन और उनकी शादी का दिन एक ही समय पर, और दोनों जगह पूड़ी-सब्जी का होना, क्या यह सब कुछ एक दिव्य योजना का हिस्सा है? जानिए इस प्रेम कहानी के पीछे की गहराई और अद्भुत संयोग।